रणबीर कपूर ने ‘एनिमल’ पर उठे विवाद के बीच किया बड़ा खुलासा: क्या फिल्म सच में है समाज के लिए हानिकारक?

फिल्म की चर्चा और समाज पर प्रभाव

हाल ही में गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ India (आईएफएफआई) में रणबीर कपूर अपनी फिल्म ‘एनिमल’ को लेकर सवालों के घेरे में थे। इस फिल्म की रिलीज के बाद से इसके कुछ दृश्य और हिंसा का प्रदर्शन दर्शकों और आलोचकों के बीच बहस का विषय बन गए हैं। कई लोगों का मानना है कि इस तरह की फिल्में समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

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रणबीर का जवाब: जिम्मेदारी और चुनौती

जब रणबीर से पूछा गया कि क्या ‘एनिमल’ समाज पर गलत असर डाल रही है, तो उन्होंने स्पष्टता से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं।” उनके इस बयान ने दर्शाया कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हैं। रणबीर ने आगे जोड़ा, “हालांकि, यह भी सच है कि मैं एक एक्टर हूं, और मुझे विभिन्न प्रकार के किरदार निभाना जरूरी है। मुझे मानना है कि कला और सिनेमा को चुनौती देना चाहिए। लेकिन साथ ही, हमें अपनी फिल्मों के प्रति जिम्मेदार भी होना पड़ेगा।”

हिंसा का प्रदर्शन और सामाजिक संवेदनशीलता

‘एनिमल’ में दिखाए गए कुछ दृश्यों ने दर्शकों को हिला दिया है, खासकर उन लोगों को जो हिंसा को लेकर संवेदनशील हैं। फिल्म की कहानी और इसके किरदारों ने कई लोगों को प्रभावित किया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ दर्शकों ने इसे समाज के लिए हानिकारक भी माना है। रणबीर का मानना है कि यह फिल्म समाज में बातचीत और विमर्श को प्रेरित कर सकती है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदारी का एहसास होना जरूरी है।

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निर्देशक की दृष्टि और फिल्म की सफलता

फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने भी हिंसा के विषय में खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म का उद्देश्य दर्शकों को एक गहरी सोच में डालना था। रणबीर की इस फिल्म के प्रति जिम्मेदारी की भावना ने एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें वे सिर्फ एक कलाकार के रूप में नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी ध्यान रखते हैं।

समकालीन सिनेमा का दायरा

फिल्म ‘एनिमल’ रणबीर कपूर के करियर की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है। इसकी सफलता और चर्चा ने यह साबित किया है कि दर्शक चुनौतीपूर्ण विषयों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। लेकिन इसी के साथ, यह सवाल भी उठता है कि क्या इस तरह की फिल्में हमें वास्तव में जागरूक करने में सफल हो रही हैं, या केवल एक मनोरंजन का साधन बनकर रह जाती हैं।

रणबीर की सोच: कला और समाज का संतुलन

रणबीर का यह बयान इस बात का संकेत है कि वे न केवल अपने काम को गंभीरता से लेते हैं, बल्कि समाज में बदलाव की दिशा में भी सोचते हैं। यह स्पष्ट है कि वे जानते हैं कि सिनेमा का एक बड़ा प्रभाव हो सकता है, और इसलिए उन्हें अपनी भूमिकाओं और कहानियों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।

निष्कर्ष: सिनेमा का सामाजिक दायित्व

इस प्रकार, ‘एनिमल’ केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक विमर्श का हिस्सा बन चुकी है। रणबीर कपूर की प्रतिक्रिया ने दर्शकों को एक नई दिशा दी है, जहां वे सिनेमा को सिर्फ मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक उपकरण के रूप में देख सकते हैं। फिल्म ने न केवल रणबीर को बल्कि पूरे सिनेमा जगत को चुनौती दी है कि वे अपने काम के प्रति अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील बनें।

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